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Rekhta Foundation
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Rekhta Foundation · 19 March 2022 English
‘महल’ जैसी फिल्म भारतीय सिनेमा में आज भी असाधारण है। अपने कथानक, वातावरण और चरित्रों के प्रस्तुतीकरण में तो यह अनूठी है, मगर साथ ही इसका फिल्मांकन और कथानक में …
Rekhta Foundation · 17 March 2022 English
होली के दिन चारों ओर फ़ज़ा में रंग ही रंग दिखते हैं और सडकों, गलियों, आँगनों में लाल, हरे, नीले, पीले रंगों से पुते चेहरे| इन चेहरों पर एक उत्साह …
Rekhta Foundation · 15 March 2022 English
कमाल अमरोही के परिवार का अदब से गहरा ताल्लुक था। सोशल मीडिया से रू-ब-रू पीढ़ी के बीच मकबूल हो चुके जौन इलिया का जन्म भी इसी घर में हुआ था, …
Rekhta Foundation · 14 March 2022 English
कमाल अमरोही का ज़िक्र एक रूमानी और परफेक्शनिस्ट निर्देशक के रूप में होता है। बतौर लेखक उन्होंने ‘पुकार’, ‘मुग़ल-ए-आज़म’ और ‘पाकीज़ा’ जैसी फिल्मों के लिए उर्दू में यादगार संवाद लिखे। …
Rekhta Foundation · 9 March 2022 English
आलमे-इंसानियत की कोई भी जंग उठाकर देख लीजिए और उसके असबाब तलाशिए तो आख़िर में वाहिद सबब ताक़त का जुनून ही नज़र आएगा और इसमें अगर अना की दीवानगी भी …
Rekhta Foundation · 8 March 2022 English
महिलाऍं आज बहुत से क्षेत्र में तरक़्क़ी कर रही हैं | ख़ासकर आज़ादी के बाद से चाहे वह महिला सशक्तिकरण की बात हो तो आज़ादी के बाद सरकारों ,महिला संगठनों …
Rekhta Foundation · 3 March 2022 English
रूप की रुबाइयाँ एक और ज़ाविए से अहम हैं क्योंकि वो फ़िराक़ साहब की ज़िंदगी के अहम वाक़िए से जुड़ी हुई हैं। फ़िराक़ साहब और जोश साहब में गहरी दोस्ती …
Rekhta Foundation · 28 February 2022 English
माशूक़ा के चेहरे या बदन की ख़ूब-सूरती बयान करने लिए चाँद, माह, माह से बना माह-पारा/ मह-पारा, माह-जबीं, गुल, गुल से बना गुल-बदन, गुल- फ़िशाँ, गुलाब, पंखुड़ी वग़ैरा। माशूक़ा के …
Rekhta Foundation · 19 February 2022 English
उर्दू अदब के चंद बेहतरीन और अहम शाइरों की फ़ेहरिस्त में जाँ निसार अख़्तर का नाम भी आता है। अपनी बात को आसान लहजे में कह देने का फ़न उन …
Rekhta Foundation · 15 February 2022 English
एक तो ग़ालिब के जिस्म में दौड़ता ईरानी लहू और दिमाग में ईरानी उस्ताद की नसीहतें और तजर्बे, इन दोनों के मेल ने ग़ालिब को फ़ारसी का ज़बरदस्त और ज़हीन …