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Rekhta Foundation
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Rekhta Foundation · 23 November 2021 English
Think, what first comes to your mind as you read a couplet? Its idea, image, eloquence, assonance, or something else? Barely are we drawn towards the sounds that envelope the …
Rekhta Foundation · 20 November 2021 English
थर्ड ईयर के इम्तिहान के बाद जब तालिब-ए-इल्म अपनी अपनी कापियाँ देख रहे थे तो फ़ैज़ की कॉपी पर 165 नंबर दर्ज थे। कोई हैरान हुए बग़ैर नहीं रह सका …
Rekhta Foundation · 16 November 2021 English
अकबर इलाहबादी को अब इस से फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वो इलाहबादी हैं या प्रयागराजी। बात उनकी शायरी की होनी चाहिए और शायरी भी कैसी जो सरासर हिंदुस्तानी है। ये …
Rekhta Foundation · 16 November 2021 English
दिल्ली की गलियों को न छोड़कर जाने वाले इस अज़ीम शायर की दायमी आरामगाह का पता अब चिन्योट बस्ती, मुल्तानी ढाण्डा, पहाड़गंज, नई दिल्ली है जो कि बंटवारे के बाद …
Rekhta Foundation · 15 November 2021 English
मीरा जी का असली नाम मोहम्मद सनाउल्लाह 'सानी' डार था। लाहौर में विलादत हुई , इनके वालिद का नाम मुंशी महताबउद्दीन था जो रेलवे में मुलाज़मत करते थे और इनकी …
Rekhta Foundation · 8 November 2021 English
जौन वो शमअ' थी जिसको मालूम था कि लोग उसके बुझने का नज़्ज़ारा करना चाहते हैं। जौन एलिया ने कभी कोशिश भी नहीं की समाज की उस रस्म को निभाने …
Rekhta Foundation · 3 November 2021 English
A major modernist poet, by all means, Meeraji is also a myth of sorts. He had to be so, for he lived a life completely atypical and totally abysmal. The …
Rekhta Foundation · 1 November 2021 English
Talking about the appeal of Urdu Ghazal, it would be no exaggeration to assert that ghazal dwells outside the bounds of Time. Despite almost eight hundred years of its existence, …
Rekhta Foundation · 27 October 2021 English
अस्ल में इस बखेड़े की वजह है दिल्ली और लखनऊ स्कूल का एक क़दीम इख़्तिलाफ़ मसदरी प्रतीक को लेकर। मसदरी प्रतीक कहते हैं वो अलामत जो फे़अल की अस्ल सूरत …
Rekhta Foundation · 25 October 2021 English
साहिर की रेंज इतनी व्यापक है कि उनके लोकप्रिय गीतों की चमक में उनके बहुत से उल्लेखनीय गीत कहीं पीछे छूट गए हैं। साहिर मुखर होते थे मगर कभी लाउड …