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‘मैं नींद में भी सिलिका की धूल फांकता था’

29 May 2024

पश्चिम बंगाल के 24 परगना ज़िले के सन्देशखली और मिनाखान प्रखंडों के जो प्रवासी मज़दूर राज्य के दूसरे हिस्सों की रैमिंग मास इकाइयों में काम करने गए थे, उन्हें कुछ सालों के भीतर ही सिलिकोसिस के रोग से ग्रस्त होकर वापस जाना पड़ा. निराशा में डूबे हुए वह कहते हैं कि 2024 के आम चुनावों के बाद भी उनके लिए कुछ नहीं बदलेगा

Authors

Ritayan Mukherjee,Sarbajaya Bhattacharya,Prabhat Milind

Published in
India
Rights
© Ritayan Mukherjee,Sarbajaya Bhattacharya,Prabhat Milind