Delong Padung, a young traditional artist from Arunachal Pradesh, has been awarded the Ustad Bismillah Khan Award by the Sangeet Natak Akademi, Delhi. He is also a member of the academy. During Sanjari, he along with his fellow artists present a rich cultural glimpse of his state to the audience. Delong Padung is originally a Ruxin resident of Siang district. He holds several cultural events in association with Karpang Karduk Sangeet Academy for the preservation of his indigenous culture. The Adi tribe of Arunachal Pradesh lives in the East Siang, Upper Siang, Lower Dibang Valley and Lohit districts. People of the Adi community worship the Sun and the Moon. The hard-working people of the Adi community subsist mainly on Jhoom farming. The songs of the different tribes living in Arunachal Pradesh are diverse. These songs are based on the cycle of life, nature, and social activities. Some of these songs are even rendered without any instrument. Delong Padug entertained the audience with different hues of the folk songs of the Adi tribe of his state. His ensemble consisted of male artists named John Paleng, Miding Yerang and Dipu Boro, while the female artists who accompanied him were Baier Koyo, Maman Siam and Elizabeth Ratan. The program commenced with the Lori song 'Yo-Yo Ga-Ga'. The artists then performed the song 'Nemu Nayo Ye', which is sung during wedding ceremonies. The song is sung like a Qawwali. The next presentation in this programme was - Penge. Through the Penge song, the artists paid tribute to the people who had died in their village. After this, the next presentation of the programme, gave a message of unity and the youth was encouraged to come forward to protect the country. This song with a social message is called Dari. Furthermore, Mother Earth was thanked for a good harvest in the traditional Solug festival of Arunachal Pradesh. During their songs, these artists played regional instruments such as Yoxa, Keering Ripum, Kokung Tapung and Dibang. Yoxa is a kind of sword. The Keyring Repum is the name of anklet bells or Ghungroo. Kokung is a Surinda-like instrument that produces a humming bee-like sound. Tapung means a flute and Dibang means a drum. The program ended by singing, 'Iyep Miri', a kind of song with healing powers. Good health for everyone is wished through this song. अरुणाचल प्रदेश के पारंपरिक युवा कलाकार देलोंग पादुंग को संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वे अकादमी के सदस्य भी हैं। संजारी के दौरान उन्होंने अपने साथी कलाकारों के साथ अपने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक झलक को दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया। देलोंग पादुंग मूल रूप से सियांग जिले के रूक्सिन निवासी हैं। वे स्वदेशी संस्कृति के संरक्षण के लिए करपंग कार्दुक संगीत अकादेमी के साथ मिलकर कई सांस्कृतिक आयोजन करते हैं । अरुणाचल प्रदेश के आदि जनजाति के लोग ईस्ट सियांग, अपर सियांग, लोवर दिवांग वेली और लोहित जिलों में रहते हैं। आदि समुदाय के लोग सूर्य और चंद्रमा के उपासक होते हैं। मेहनतकश आदि समुदाय की गुजर बसर अधिकतर झूम खेती से होती है। अरुणाचल प्रदेश में रहने वाली विभिन्न जनजातियों के गीत अलग-अलग हैं। ये गीत हमारे जीवन चक्र, प्रकृति और सामाजिक गतिविधियों पर आधारित हैं। इनमें से कुछ गीत ऐसे भी हैं जिन्हें बिना किसी वाद्य के प्रस्तुत किया जाता है । देलोंग पादुंग ने अपने प्रदेश की आदि जनजाति के लोकगीतों के अलग-अलग रंगों से दर्शकों का मनोरंजन किया। उनके दल में पुरूष कलाकार के तौर पर जॉन पालेंग, मिडिंग येरांग और दीपू बोरो शामिल थे, जबकि महिला कलाकारों में बाईर कोयो, मामन सियाम और एलिजाबेथ रतन ने उनका साथ दिया। कार्यक्रम की शुरुआत लोरी गीत ‘यो यो गा गा’ से हुई। फिर कलाकारों ने शादी के समय गाए जाने वाले गीत ‘नेमु नयो ये’ की प्रस्तुति दी। इस गीत को कव्वाली की तरह गाया जाता है। इस कड़ी में अगली प्रस्तुति थी ‘पेंगे’। पेंगे गीत के जरिए कलाकारों ने अपने गाँव में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति में आपसी एकता और देश की रक्षा के लिए युवाओं को आगे बढ़ने का संदेश दिया गया। सामाजिक संदेश वाले इस गीत को ‘दारी’ कहा जाता है। अरुणाचल प्रदेश के पारंपरिक सोलुग त्योहार पर धरती माँ को अच्छी फसल के लिए धन्यवाद भी दिया गया। इन कलाकारों ने अपने गीतों के दौरान प्रादेशिक वाद्ययंत्र योक्सा, कीरिंग रिपुम, कोकुंग, तापुंग और दीबांग पर संगत की। योक्सा एक किस्म की तलवार है। कीरिंग रिपुम घुंघरू को कहते हैं। कोकुंग सुरिंदे जैसा वाद्ययंत्र होता है जिससे मधुमक्खी जैसी आवाज आती है। तापुंग का आशय बांसुरी और दीबांग का आशय ढोल है। कार्यक्रम का अंत ‘आईप मिरी’ गाकर किया गया, जो एक तरह का ‘हीलिंग पावर सॉन्ग’ है। इस गीत के जरिए सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की गई।
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- India
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- Indira Gandhi National Centre for the Art इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र
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