यह चित्रकारी, कलाकार द्वारा अपने जीवन के अंतिम चरण में प्रयुक्त, सुमी-ए जापानी तकनीक से प्रेरित, एकरंगी स्याही और जलरंग चित्रकारियों की एक श्रृंखला से संबंधित है। यहाँ विषय है एक भूदृश्य (अ लैंडस्केप) जो उनकी स्मृति और अनुभवों से निष्पादित किया गया है। इन रचनाओं को न्यूनतम रूप से बनाया गया था, जहाँ एक सहज दृष्टिकोण से प्राकृतिक रूपों को बनाने के लिए स्याही से केवल कुछ ही रेखाएँ बनाई गईं थीं। यह चित्रकरी श्री बिस्वरूप बोस और श्रीमती निवेदिता बोस के संग्रह से खरीदी गई थी, जो नंदलाल बोस की संतानें थीं। ये चित्रकारियाँ पक्षियों, जानवरों, पौधों, पेड़ों, पहाड़ियों, चंद्रमा, बादलों, हवा और फूलों के, कूँची की चमकीली रेखाओं के माध्यम से, बड़ी खाली जगहों को छोड़ते हुए, अविश्वसनीय रूप से न्यूनतर चित्रण हैं। इस चित्रकारी पर काले रंग में कूँची के साथ चित्रकारी के ऊपरी दाएँ कोने में लंबवत बंगाली में ‘नंदा’ हस्ताक्षरित है। चित्रकारी में बंगाली में एक और अभिलेख भी है, जिसमें ‘सोम’ लिखा है, जो मोटे तौर पर अंग्रेज़ी में मंडे (सोमवार) के रूप में अनुवादित किया जाता है। चित्रकारी में लाल रंग में कलाकार की निजी मुहर भी है।
- Identifier
- ngma-05861
- Material
- Watercolour, Paper
- Pages
- 33.5 x 21.4 cm
- Published in
- India
- Type
- चित्रकारी