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शहर मं दुविधा मं परे आदिवासी

13 Sep 2023

पंचमहांली भीली भाखा के एक झिन कवि अपन दुविधा ला बतावत हवय: जऊन शहर मं वोला जाय ला मजबूर करे गीस, काय उहाँ कोनहा मं परे परे घुट-घुटके जिंये ला चाही धन अपन गांव लहूंट जाय ला चाही?

Authors

Vajesinh Pargi,Labani Jangi,Nirmal Kumar Sahu

Published in
India
Rights
© Vajesinh Pargi,Labani Jangi,Nirmal Kumar Sahu