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मणिपुर: राख हो चुकी उम्मीदें, धुआं हो चुकी ज़िंदगी

21 Aug 2023

कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के लोग राहत शिविरों में अपने दिन काट रहे हैं. जघन्य हत्याओं की स्मृतियां उनके दिमाग़ में अब तक ताज़ा हैं. अपने भविष्य को लेकर उनके मन में चिंताएं और अनिश्चितताएं हैं

Authors

Parth M.N.,Priti David,Prabhat Milind

Published in
India
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© Parth M.N.,Priti David,Prabhat Milind