भूख की लपट में जलता आदिवासी जीवन

9 Aug 2023

अंतर्राष्ट्रीय मूल निवासी दिवस के मौक़े पर, पश्चिम बंगाल में रहने वाली सबर आदिवासी समुदाय की ज़िंदगी के स्याह पहलुओं को पेश करती रपट. विमुक्त होने के 70 साल बाद भी समुदाय के लोगों का संघर्ष जारी है, और वे हाशिए पर बसर करते हुए भूखमरी से भरा जीवन जीने को अभिशप्त हैं. वे अपनी आजीविका व भोजन के लिए पूरी तरह से रोज़-ब-रोज़ तंग पड़ते जंगलों पर निर्भर हैं

Authors

Ritayan Mukherjee,Priti David,Prabhat Milind

Published in
India
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© Ritayan Mukherjee,Priti David,Prabhat Milind