सौर और पवन ऊर्जा का उत्पादन करने वाली कंपनियां धीरे-धीरे राजस्थान के ओरणों को निगलती जा रही हैं. घास के मैदानों की इन प्राकृतिक देवभूमियों को सरकार ने अपने अभिलेखों में ग़लत तरीक़े से बंजर भूमियों की श्रेणी में डाल दिया है. ऊर्जा-उत्पादन कंपनियों की तेज़ी से बढ़ती उपस्थिति से इन ओरणों की पारिस्थितिकी और इलाक़े के लोगों की आजीविका पर नकारात्मक असर पड़ा है
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- India
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- © Priti David,Urja,P. Sainath,Prabhat Milind