वाक़ई शाइर बना या बनाया नहीं जा सकता। शाइर या शाइरी को तराशना एक मुख़्तलिफ़ काम है। शाइर होना पैदाइशी हुनर है और ये किसी के हाथ में नहीं। शाइरी की मश्क़ आपके हाथ में है और रियाज़त के हाथ में है, कि वो आप पर असर कब करेगी। The post इन शायरों ने या तो आत्महत्या की या जल्दी ही इस दुनिया से उठ गए appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
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