हसरत शायर तो थे ही ,संविधान सभा के सदस्य भी थे, जो यूनाइटेड प्रोविंस से चुने गए थे ,इस्लामी विद्वान,फ़लसफ़ी और कृष्ण-भक्त इनके बारे में कहा जाता है। हसरत जब भी हज की यात्रा करके लौटते थे तो सीधे मथुरा वृंदावन जाया करते थे। वो कहते थे जब तक मैं मथुरा न जाऊॅं मेरा हज किस काम का है उनके बारे में मशहूर है कि उन्होंने तेरह हज किए थे। The post जो कृष्ण भक्त थे और मौलवी भी थे, और कामरेड भी appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
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