नज़ीर अकबराबादी: देसी मिट्टी की ख़ुश्बू

11 Jul 2021

वली मोहम्मद नाम के गुमनाम शाइर अवाम के गीत गा रहे थे। कभी ककड़ी खीरा बेचने वाले के लिए नज़्म लिख देते तो कभी लड्डू बेचने वाले के लिए इस से ये हुआ कि लोग इन्हें बाज़ारी शाइर कहने लगे। पूरा नाम शेख़ वली मोहम्मद था लेकिन नज़ीर अकबराबादी के नाम से शोहरत पायी । इनका जन्म दिल्ली में 1735 के आसपास शेख़ मुहम्मद फ़ारूक़ के घर हुआ। The post नज़ीर अकबराबादी: देसी मिट्टी की ख़ुश्बू appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
urdu urdu poetry uncategorized nazeer akbarabadi mir-taqi-mir urdu poets

Authors

Vivek Pratap Singh

Published in
India
Rights
© Vivek Pratap Singh