ताल संगीत की हर क़िस्म में या हर प्रकार के संगीत में एक महत्वपूर्ण तत्व का स्थान रखता है। इसलिए कि ये संगीतमय ध्वनियों के प्राप्ति विस्तार को क्रमबद्ध और अनवरत रखता है। शायरी में जो स्थान छंद को प्राप्त है वही हैसियत संगीत में ताल को प्राप्त है। हिंदुस्तानी संगीत में ताल की अवधारणा वेदों से ही चली आरही है। वेदों के हम्दिया नग़मे (ईश्वर का स्तुतिगान) वो श्रोत हैं जिनसे आजकल की ज़रबें हासिल की गई हैं। The post ताल का परिचय appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
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