पंजाब के रावलपिंडी में 30 अगस्त 1923 को पैदा हुए पिता ने नाम रखा शंकर दास केसरी लाल लेकिन आगे चलकर 'शैलेन्द्र' के नाम से शोहरत पायी और इसे ही अपना तख़ल्लुस बनाया । इनके पूर्वज बिहार के आरा ज़िले के रहने वाले थे। एक बार इनके पिता बहुत बीमार पड़ गए घर में ग़रीबी,बदहाली थी ,सो ये सब रावलपिंडी छोड़ मथुरा मुन्तक़िल हुए और यहाॅं अपने एक रिश्तेदार जो रेलवे में काम किया करते थे उनके पास चले आए पर वहाॅं भी हालात सुधरे नहीं। The post शंकर शैलेंद्र के नग़्मे हमें आज भी याद हैं। appeared first on Best Urdu B
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