‘रूपहले परदे पर चमकते हर्फ़’ सीरीज़ में आज हम याद करेंगे गीतकार शैलेन्द्र को, जिन्होंने सैकड़ों ऐसे गीत हमें दिए, जिन्हें भुलाए भुलाया नहीं जा सकता | शायद आपको मालूम हो कि हिन्दुस्तानी सिनेमा को सैकड़ों मानीखेज़ गीत देने वाले शैलेन्द्र ने कभी ‘सेंट्रल रेलवे’ में वेल्डिंग अपरेंटिस के तौर पर भी काम किया था | उसके बाद वे एक थिएटर से जुड़े और फिर वहाँ से इन्होंने सिनेमा जगत् की तरफ़ अपना रुख़ किया | The post शैलेन्द्र के नाम appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
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