मीर तक़ी मीर: चलो टुक मीर को सुनने कि मोती से पिरोता है

21 Sep 2021

मीर के बारे में अक्सर ये कहा जाता है कि उन्होंने सह्ल ज़बान या सरल भाषा में शाइरी की है। ऐसी ज़बान जिसे समझने में किसी को कोई परेशानी न हो और ये बात अक्सर ग़ालिब से उनका मवाज़ना/तुलना करते हुए कही जाती है। लेकिन क्या वाक़ई मीर की शाइरी आसान/आसानी से समझ में आ जाने वाली शाइरी है? The post मीर तक़ी मीर: चलो टुक मीर को सुनने कि मोती से पिरोता है appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
urdu urdu poetry uncategorized urdu shayari birth anniversary mirza ghalib mir-taqi-mir

Authors

Bakul Dev

Published in
India
Rights
© Bakul Dev