उर्दू और हिन्दी को लेकर एक सवाल बार बार किया जाता है कि दोनों में क्या रिश्ता है और यहां तक कहा जाता है कि उर्दू मुसलमानों की ज़बान है तो सबसे पहले मैं स्पष्ट कर दूँ कि उर्दू किसी एक फ़िरक़े की ज़बान नहीं है। हमें मालूम होना चाहिए कि माहिर ए ग़ालिबयात मालिक राम रहे हैं, माहिर इक़बालियात पंडित जगन्नाथ आज़ाद रहे हैं, डॉ. गोपीचंद नारंग को पूरी अदबी दुनिया उर्दू के हवाले से जानती है। हम सभी को इल्म है कि यह दोनों ज़बानें एक दूसरे की पूरक कहलाती हैं, इस बारे में हमें यह भी मालूम होना चाहिए कि उर्दू ह
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