रेख़्ता रौज़न देवनागरी लिपि में प्रकाशित होना क्यूँ ज़रूरी है?

12 Oct 2021

उर्दू और हिन्दी को लेकर एक सवाल बार बार किया जाता है कि दोनों में क्या रिश्ता है और यहां तक कहा जाता है कि उर्दू मुसलमानों की ज़बान है तो सबसे पहले मैं स्पष्ट कर दूँ कि उर्दू किसी एक फ़िरक़े की ज़बान नहीं है। हमें मालूम होना चाहिए कि माहिर ए ग़ालिबयात मालिक राम रहे हैं, माहिर इक़बालियात पंडित जगन्नाथ आज़ाद रहे हैं, डॉ. गोपीचंद नारंग को पूरी अदबी दुनिया उर्दू के हवाले से जानती है। हम सभी को इल्म है कि यह दोनों ज़बानें एक दूसरे की पूरक कहलाती हैं, इस बारे में हमें यह भी मालूम होना चाहिए कि उर्दू ह
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Authors

Rizwan Uddin Farooqui

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India
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© Rizwan Uddin Farooqui