नासिर के यहाँ रात बेहद वसीअ है। रात के मुख़्तलिफ़ पहलू उनकी शायरी में मौजूद हैं। कहा जाता है कि वो सारी सारी रात जागते रहते, और जब पौ फटती, परिंदे चहचहाना शुरू करते तब जा कर उनकी आँखों में नींद का कोई निशान नज़र आता। The post नासिर काज़मी ज़िन्दगी भर अपनी धरती अंबाला को याद करते रहे appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
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