यूँ तो उर्दू सहाफ़त के आग़ाज़ का सेहरा हफ़्तावार 'जाम-ए-जहाँ-नुमा' के सर बाँधा जाता है, जो पंडित हरिहर दत्त ने 1822 में कलकत्ता से शाए’ किया था, लेकिन उस से क़ब्ल उर्दू हल्क़ों में ये बहस भी छिड़ चुकी है कि उर्दू का पहला अख़बार शे’र-ए-मैसूर टीपू सुल्तान ने 1794 में जारी किया था। The post उर्दू सहाफ़त की कहानी appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
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