बीते कई दशकों से हिंदी उपन्यासकार की सारी कोशिश यही होती है कि उसकी रचना को कोई पुरस्कार मिल जाए, जिसमें अमूमन सांठगांठ के किस्से आम होते रहते हैं या फिर किताब किसी तरह से कोर्स में लग जाए। यह सवाल इसलिए अहम हो गया कि जब गीतांजलि श्री को पुरस्कार मिला तो बहुत से हिंदी के रचनाकारों ने ईर्ष्या या अज्ञानतावश यह पूछा कि गीतांजलि श्री कौन हैं? The post बुकर के बहाने कुछ सवालों से रू-ब-रू होना भी जरूरी appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
Authors
- Published in
- India
- Rights
- © Dinesh Shrinet