एक सच, एक अफ़साना : असरारुल-हक़ ‘मजाज़’

19 Oct 2022

मजाज़ या’नी वो असरार जिन्हें दुनिया आज उस की मौत के 67 साल बा’द भी समझने की कोशिश में मुब्तला है। जिस के इ’श्क़, जुनून, मुहब्बत, हाज़िर-जवाबी, मयनोशी, और मौत के इर्द-गिर्द इतने क़िस्से सुने-सुनाए गए हैं कि उन में कौन सा सच और कौन सा अफ़्वाह है, फ़र्क़ करना मुश्किल है। The post एक सच, एक अफ़साना : असरारुल-हक़ ‘मजाज़’ appeared first on Best Urdu Blogs, Urdu Articles, Urdu Shayari Blogs.
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Vikram

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