चलो संगी, हमन अपन बंदरगाह ला बचाबो रे भाई

3 Nov 2024

कच्छ के एक झिन मछुआरा अपन संगवारी मन ला आगू बढ़े सेती एक ठन उछाह ले भरे गीत गाथे, वो मन सब्बो समंदर मं जाय के तियारी करत हवंय. कच्छ के लोकगीत मन के कड़ी मन ले एक ठन गीत

Authors

Pratishtha Pandya,Jigyasa Mishra,Nirmal Kumar Sahu

Published in
India
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© Pratishtha Pandya,Jigyasa Mishra,Nirmal Kumar Sahu