कूनो अब राजनीतिक शिकारगाह में तब्दील हो गया है. संरक्षण परियोजना के नाम पर यह चीता अभ्यारण्य धीरे-धीरे पूंजी और सत्ता के मुंह का निवाला बनता जा रहा है. वहीं, जंगल खाली करने को मजबूर किए गए विस्थापित आदिवासियों के लिए रोज़गार, घर, स्कूल, जलावन की लकड़ी और यहां तक कि पीने का पानी हासिल करना भी चुनौती बन चुका है, जबकि चीते अभी भी पिंजरे में क़ैद हैं
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- India
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- © Priti David,P. Sainath,Prabhat Milind