cover image: ‘मेरे जैसा जुत्ती बनाने वाला कोई न मिलेगा’

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‘मेरे जैसा जुत्ती बनाने वाला कोई न मिलेगा’

3 Feb 2024

रुपाणा गांव में हुनरमंद हंस राज अकेले कारीगर हैं जो अभी भी हाथ से चमड़े की जुत्तियां बनाते हैं. यह ऐसा शिल्प है जिसमें काफ़ी हुनर और बारीकी की ज़रूरत होती है, और इस काम को पारंपरिक रूप से पंजाब के दलित परिवार करते आ रहे हैं

Authors

Sanskriti Talwar,Naveen Macro,Sarbajaya Bhattacharya,Ajay Sharma

Published in
India
Rights
© Sanskriti Talwar,Naveen Macro,Sarbajaya Bhattacharya,Ajay Sharma