cover image: ‘अब वो कास नहीं रहा’

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‘अब वो कास नहीं रहा’

18 Jan 2024

स्थानीय प्रजातियों की वनस्पतियों और जीव-जंतुओं से भरे-पूरे पश्चिमी घाट का कास पठार लगभग 1,600 हेक्टेयर में फैला भूभाग है, जो प्राकृतिक-सौन्दर्य की दृष्टि से अप्रतिम है, लेकिन पर्यटकों की अनियंत्रित भीड़ के कारण इसकी अत्यंत नाज़ुक पारिस्थितिकी पर गंभीर ख़तरे मंडराने लगे हैं

Authors

Jyoti Shinoli,Siddhita Sonavane,Prabhat Milind

Published in
India
Rights
© Jyoti Shinoli,Siddhita Sonavane,Prabhat Milind